दोस्तों आज शारदीय नवरात्र का दूसरा दिन है और आज हम माता ब्रह्मचारिणी की उपासना करते हैं। आप सभी को नवरात्र की हार्दिक सुभकामनाएँ। जैसा कि आप लोग जानते हैं ब्रह्मचारिणी का अर्थ है तपस्या करने वाली। और इसी तपस्या से जुड़ी है माता ब्रह्मचारिणी की कथा।
माता ब्रह्मचारिणी को माँ पार्वती के नाम से भी जाना जाता है। कथा के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। कई वर्षों तक बिना कुछ खाए पिए उन्होंने भगवान शिव की उपासना की और अंत में भोलेनाथ ने उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार किया। अत्यंत कठोर तपस्या करने के कारण उनके इस रूप का नाम ब्रम्हचारिणी पड़ गया। माँ ब्रह्मचारिणी की उपासना नवरात्र के दुसरे दिन की जाती है। माता ब्रह्मचारिणी की उपासना नौ दिनों तक रखे जाने वाले उपवास के लिए शक्ति प्रदान करती है। शक्ति का ये रूप जीवन की परेशानियों से उबरने के लिए शक्ति प्रदान करता है। माता ब्रह्मचारिणी के इस शक्तिमय रूप को हमारा शत-शत नमन।