आज शारदीय नवरात्र का छठा और आज माँ कात्यायनी की पूजा की जाती है। आज से कई पूजा पंडालों के पट खुल जाते हैं। आज से पंडालों में भक्तों की चहल पहल शुरू हो जाती है। माँ कात्यायनी की कथा काफी अहम है आइये जानते हैं उनकी कथा।
एक बार जब महिषासुर नामक असुर ने संसार में तबाही मचानी शुरू की तब भगवान शिव, ब्रह्म, तथा विष्णु ने मिलकर शक्ति का निर्माण किया, सर्वप्रथम महर्षि कात्यायन ने इनकी उपासना की इसिलए इनका नाम कात्यायनी पड़ा।
एक और कथा ये भी है कि महर्षि कात्यायन ने माँ दुर्गा की कड़ी उपासना की और उनसे वार माँगा की माँ दुर्गा उनकी पुत्री के रूप में जन्म लें, माँ दुर्गा ने महर्षि कात्यायन की पुत्री के रूप में जन्म लिया और उनका नाम पड़ा कात्यायनी। माँ कात्यायनी का रूप अत्यंत शांत है और ये अपने भक्तों की हर इच्छा पूर्ण करतीं हैं। नवरात्र के छठे दिन इनकी उपासना की जाती है।
माँ कात्यायनी के इस रूप को हमारा शत शत नमन।